Thursday, 24 August 2017

Ab tu Jeet

अब तू जीत ,छोड़ दे हार
एक दो नहीं ,चार से मार
अब इंतज़ार कर न यार
कर कुछ ऐसा की हिल जाए संसार

द्वारा – मोहित सिंह चाहर 'हित'